परिवार और परिवार के प्रकार
परिवार (Family)
परिवार किसे कहते हैं?
‘Family’ शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द ‘Famulus’ (फैमुलस) से हुई है, जो एक ऐसे समूह के लिए प्रयुक्त होता था, जिसमें दादा दादी, माता-पिता, तथा उनके बच्चे आते हैं।
परिवार की परिभाषा
परिवार :- परिवार का अर्थ एक सम्मिलित रूप से निवास करने वाले रक्त संबंधियों का ऐसा समूह है जिसमें विवाह और दत्तक प्रथा या गोद लेने से प्राप्त व्यक्ति भी सम्मिलित होते हैं। सामान्यतः परिवार पति, पत्नी और उनके बच्चों का समूह माना जाता है।
परिवार एक बुनियादी तथा सार्वभौमिक इकाई है। अधिकांश पारंपरिक समाजों में परिवार सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, आर्थिक एवं राजनीतिक गतिविधियों की इकाई रही है। आधुनिक समाज में परिवार प्राथमिक रूप से संतानोंत्पत्ति, सामाजीकरण एवं भावनात्मक संतोष की व्यवस्था से संबंधित प्रकार्य करता है।
परिवार कितने प्रकार के होते हैं?
परिवार के प्रकार :-
परिवार का अलग-अलग आधारों पर वर्गीकरण किया गया है जिससे परिवार के कई प्रकार सामने आते हैं और परीक्षाओं में भी इनसे संबंधित प्रश्न पूछ लिए जाते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में -
( A ) सदस्यों की संख्या या आकर के आधार पर परिवार के प्रकार :-
सदस्यों की संख्या के आधार पर परिवार दो प्रकार के होते हैं -
(i) एकल परिवार / एकाकी परिवार / नाभिकीय परिवार
(ii) संयुक्त परिवार
(i) एकल परिवार :-
एकल परिवार उस परिवार को कहा जाता है जिसमें पति पत्नी एवं उनके अविवाहित बच्चे शामिल होते हैं
(ii) संयुक्त परिवार:-
संयुक्त परिवार उस परिवार को कहते हैं जहां पर न केवल एक पीढ़ी बल्कि कई पीढ़ियों के लोग एक साथ संयुक्त रूप में रहते एवं संयुक्त एक रसोई में भोजन करते है।
( B ) वंश के आधार पर परिवार के प्रकार
वंशनाम के आधार पर परिवार 2 प्रकार के होते हैं -
(i) मातृवंशीय परिवार :-
जिस परिवार में वंश परम्परा माँ के नाम पर चलती हो
(ii) पितृवंशीय परिवार:-
जिस परिवार में वंश परम्परा पिता के नाम पर चलती हो
( C ) अधिकार या सत्ता के आधार पर परिवार के प्रकार
(i) पितृसत्तात्मक परिवार :-
ऐसा परिवार जिसमें सत्ता किसी पुरुष सदस्य में निहित होती है, जिसे परिवार का मुखिया या कर्ता कहा जाता है, उसे पितृसत्तात्मक परिवार कहते हैं।
(ii) मातृसत्तात्मक परिवार :-
ऐसा परिवार जिसमें सत्ता किसी महिला सदस्य में निहित होती है, जिसे परिवार का मुखिया या कर्ता कहा जाता है, उसे मातृसत्तात्मक परिवार कहते हैं।
( D ) विवाह के आधार पर
(i) एक-विवाही परिवार :-
एक समय में पुरुष के एक पत्नी या स्त्री का एक ही पति हो, तब उस परिवार को एक विवाही परिवार कहा जाता है। भारत में मुख्य रूप से यही परिवार पाया जाता है।
(ii) बहु-विवाही परिवार :-
कोई स्त्री या पुरुष जब एक से अधिक जीवन साथी के साथ परिवार का निर्माण करता है। तब उसे बहु विवाही परिवार कहते हैं।
( E) मातृस्थानीय परिवार :-
जब विवाह के पश्चात पति, पत्नी के साथ उसके माता-पिता के निवासस्थान पर रहने लगता है, तो ऐसे परिवार को मातृस्थानीय परिवार कहते हैं। इन परिवारों में घर का मुखिया मातृपक्षीय पुरुष होता है।
( F ) बहुपति प्रथा वाले परिवार :-
इन परिवारों में सब भाइयों की एक पत्नी और कभी-कभी एकाधिक सामूहिक पत्नियाँ हेती हैं। कहीं-कहीं एक स्त्री के पतियों में भाइयों के अतिरिक्त अन्य व्यक्ति भी हो सकते हैं।
( G ) विस्तारित परिवार :-
यह कई नाभिकीय परिवारों का समूह होता है | इसमें निवास स्थान तो एक ही रहता है लेकिन भोजन के लिए रसोईयाँ अलग-अलग होता है। जैसे संयुक्त परिवार से हाल ही में अलग हुए कई परिवारों का समूह।
परिवार के कार्य :-
- यौन-इच्छाओं की पूर्ति
- सन्तानोत्पत्ति
- प्रजाति की निरन्तरता बनाये रखना
- उत्तरधिकारी का निर्धारण
- समाजीकरण
- सामाजिक नियन्त्रण
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