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हमारे पशु-पक्षी, उनका महत्व और प्रदूषण का प्रभाव


हमारे पशु-पक्षी 


दोस्तों प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में पर्यावरण विषय के अंतर्गत हमारे पशु पक्षी एवं इन पर पड़ने वाले प्रदूषण के प्रभावों के संबंध में अक्सर प्रश्न पूछे जाते हैं CTET, UPTET जैसी TET परीक्षाओं में कई बार इनके संबंध में प्रश्न पूछे जा चुके हैं, इसलिए हम आपके लिए इस लेख में हमारे पशु पक्षियों के संबंध के महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं जो परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

पशुओं का महत्व :-

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ पशु एक महत्वपूर्ण संसाधन है।  और ये दैनिक जीवन में भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, यहाँ तक कि कई काम ऐसे हैं जो पशुओं के बगैर हो ही नही सकते आइये जानते हैं पशुओं का जीवन में क्या महत्व है।

  1. पशुओं का उपयोग परंपरागत कृषि कार्यों में काफी महत्वपूर्ण होता है खेती में जुटे बुआई आदि अनेक कार्य पशुयों की सहायता से किए जाते हैं।
  2. विभिन्न पशुओं का उपयोग बोझा ढोने व यातायात के साधनों के रूप में भी किया जाता है।
  3. पशु संसाधन से विभिन्न प्रकार की खाद्य वस्तुएँ तो प्राप्त होती ही हैं, पशुओं से हमें दूध, मास आदि खाद्य पदार्थों की प्राप्ति होती है।
  4. पशुधन से प्राप्त रेशों से कई तरह के वस्त्र बनाए जाते हैं उदाहरण के लिए भेड़ों तथा बकरियों से प्राप्त ऊन का उपयोग गर्म कपड़े बनाने में किया जाता है
  5. पशुओं से प्राप्त गोबर की खाद का प्रयोग फसल की खेतों में डाल कर उनकी पैदावार को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

पशुओं में होने वाले विभिन्न रोग :-


रोग                                      प्रभावित पशु

खुरपका और मुंहपका          सभी पालतू पशु

पोंकनी                                गाय, भेंस, भेड़, सुअर

गलघोंटू                               गाय, भेंस

गिल्टी रोग                           गाय, भेंस, भेड़,बकरी और घोडा

लंगड़ा बुखार                        गाय, भेंस

थनैला रोग                          सभी पालतू पशुओं का थन प्रभावित

अफारा रोग                         जुगाली करने वाले पशु


पक्षियों का महत्व :-

पक्षी प्रकृति का अभिन्न हिस्सा हैं वे पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यावरण की विभिन्न योजनाओं में योगदान करते हैं। वे प्रकृति को निम्नलिखित माध्यमों से सहायता करते हैं।

1. खाद्य श्रृंखला : पक्षी भी खाद्य श्रृंखला का हिस्सा हैं। वे सर्वाहारी हैं वे कृन्तकों, कीड़े और यहां तक ​​कि सांपों का भी भक्षण करते हैं छोटे पक्षी, सामान्य रूप से, कीड़े और उनके लार्वा को खा कर पोषण प्राप्त करते हैं। जबकि ईगल जैसे बड़े पक्षी भोजन के लिए कृन्तकों और साँप (सरीसृप) का शिकार करते हैं

2. स्वच्छता : पक्षी प्रकृति में मृत जीवों के अवशेषों को साफ रखने में मदद करते हैं। जंगल में भी शेरों और बाघों द्वारा आधा खाकर छोड़ दिए गए जानवरों के शेष को पक्षियों द्वारा खाया जाता है। 

3. बीज प्रसार: बीज प्रसार में पक्षियां महत्वपूर्ण हैं। ये एक स्थान से दूसरे स्थान तक बीजों को पहुचते हैं इसलिए हम पौधों को जमीन पर विभिन्न स्थानों पर अनायास बढ़ते हुए देखते हैं। इस प्रकार पक्षी प्राकृतिक बीज फैलाव और पौधे के प्रचार में मदद करते हैं।

4. प्रकृति के लिए सौंदर्य: पक्षी पर्यावरण के सौन्दर्य को बढ़ाते हैं यहां तक कि आकर्षक तस्वीरों को सुंदर और मोहक बनाने के लिए पक्षियों को इनमें दर्शाया जाता है। 

पशु पक्षियों पर प्रदूषण का प्रभाव :-


पशु-पक्षी प्रकृति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं जंगली जानवर खाद्य श्रृंखला तथा खाद्य जाल के द्वारा प्रकृति में संतुलन बनाए रखते हैं। लेकिन आधुनिकीकरण के कारण इनकी अनेक प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं प्रदूषण, कीटनाशकों का अधिक उपयोग, चरागाहों की कमी आदि के कारण पशु पक्षी विलुप्त हो रहे हैं। इन विलुप्त हो रहे जीवों की IUCN एक सूची जारी करता है जिसे रेड डाटा बुक (red data book) के नाम से जाना जाता है इसमें सभी प्रकार के जीवों की प्रजातियों का रिकार्ड रखा जाता है।

नोट:- IUCN का पूरा नाम अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union For Conservation Nature) होता है| इसे सन 1948 ई० में प्रकाशित किया गया था इसका मुख्यालय स्वीट्जरलैंड में है।



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