पशु-पक्षियों के आवास एवं आवास के प्रकार
पशु-पक्षियों के आवास एवं आवास के प्रकार
(Types of shelters)
दोस्तों हमने आपको पिछले लेख में आवास किसे कहते हैं और आवास की आवश्यकता के बारे में बताया था साथ ही साथ मनुष्य के बनाए हुए आवासों के प्रकारों से अवगत कराया था। अब इस लेख में आप पशु पक्षियों के विभन्न आवासों के बारे में जानेंगे।
आवास- जिस जगह पर जीव निवास करते हैं उस जगह को उनका आवास कहा जाता है। प्रायः अलग-अलग जीवों का आश्रय अलग-अलग होता है। और कुछ जीव ऐसे भी होते हैं जो अपना आश्रय नहीं बनाते जैसे- बन्दर।
जीव-जंतुओं के आवास स्थान
- मनुष्य के घरों (houses) में निवास करने वाले जीव- कुत्ता, बिल्ली,
- छिपकली, मच्छर, चूहा आदि।
- जंगल में निवास करने वाले जीव- शेर, हाथी, हिरण, बाघ,
- मोर, चिम्पैंजी, गेंडा आदि।
- पेड़ पर निवास करने वाले जीव- बन्दर, पांडा, स्लाथ, लंगूर, पक्षी आदि।
- पानी में निवास करने वाले जीव- डॉल्फिन, मछली, व्हेल, बत्तख, साँप, मेढ़क, मगरमच्छ कछुआ आदि।
- जमीन की साथ पर निवास करने वाले जीव- कुत्ता, गाय, भेंस, बिल्ली, गधा, घोड़ा आदि।
- जमीन के अन्दर निवास करने वाले जीव- चूहा, साँप, चींटी, खरगोश, केचुआ, बिच्छू आदि।
- उभयचर- ऐसे जीव जो पानी और जमीन दोनों पर रहते हैं वे उभयचर कहलाते हैं, जैसे- साँप, मेंढक मगरमच्छ आदि।
आइये जानते हैं जीव-जन्तुओं के विभिन्न आवास कौन-कौन से हैं -
जीव आवास
- शेर - माँद
- कुत्ता - केनल
- मकड़ी - जाल
- मुर्गी - दरबा
- घोड़ा, गधा - अस्तबल
- बैल, गाय - सायबान / शेड
- मधुमक्खी - छत्ता
- चूहा, खरगोश, चींटी, साँप - बिल
- हाथी, हिरण, जेबरा - जंगल
- पक्षी - घोंसला
- सुअर - शूकरशाला (स्टाइ)
- मनुष्य - घर
अब आइये आपको पक्षियों के घोसलों/ आवासों के बारे में महतवपूर्ण जानकारी बताते हैं -
अधिकांश पक्षियों में घोंसला सिर्फ नर के द्वारा ही बनाया जाता है पर कुछ ऐसे पक्षी भी है जो इस कार्य में भाग नहीं लेते। कुछ जाति के पक्षी ऐसे भी हैं जो एक ही घोंसले को दुबारा काम में नही लाते, जबकि कुछ पक्षी अपने पुराने घोसले की ही मरम्मत कर बार-बार प्रयोग में लाते हैं। यहां तक कि कुछ पक्षी दूसरें पक्षियों द्वारा छोड़े गए घोंसलों का प्रयोग करते है।
विभिन्न पक्षी और उनके घोंसले (Bird and Nest):-
मैदानी घोंसल - कुछ पक्षी ज़मीन को हल्का सा खोदकर, उसमें घास-फूस बिछाकर, घोंसला तैयार कर लेते हैं और इनमें ही अपने अंडे देते है। जैसे टिटहरी, मोर, तीतर, बटेर आदि
गुच्छेनुमा घोंसले - गौरेया, मैना और बगुले आदि पक्षी घास-फूस को इकट्ठा करके उस पर ही अंडे देते हैं।
टहनियों के घोंसले - कुछ पक्षी पतली टहनियों को इकट्ठा करके इनका इस्तेमाल घोंसला बनाने में करते हैं इस तरह के घोंसले प्रायः अधिक ऊंचाई पर होते हैं। कौवे तो इनमें लोहे के तार व कांच के टुकड़ों का भी उपयोग करते हैं।
घास के कपनुमा घोंसले - चंद पक्षी पतली टहनियों से कप की आकृति के घोंसले बनाते है, जैसे-पैराडाइज फलायकैचर (दूधराज), फाख़्ता और आयोरा आदि। फ़ाख्ता अपना घोसला कैक्टस के कांटों के बीच या मेहंदी की मेढ़ पर बनाता है
कैविटी घोंसले - कुछ विशेष पक्षी पेड़ के तनों में गड्डा करते हैं और फिर उनमें घास-फूस बिछा कर घोसला बनाते हैं, पेड़ों में खोह बनाकर रहने वालो में रामगंगरा, पीलक, पीली गर्दन वाली गौरेया, कठफोड़वा, बसंता (बार्बेट) धनेश, उल्लू, मैना और बत्तख भी है।
पेंडुलम घोंसले - बया चिडि़या, शक्कर खोरा खास प्रकार के घोंसले को तैयार करती है। छोटे पेड़ या झाड़ी पर यह घोंसला लटका हुआ रहता है और देखनें में बड़ा ही आकर्षक और सुंदर लगता है जिसे घास-फूस की मदद से बड़ी ही कुशलता से बनाया जाता है।
सिले हुए घोंसले - दर्जिन चिडि़या अपनी चोंच से पत्तियों को सिलकर एक कुप्पीनुमा घोंसला बना लेती है।
तैरने वाले घोंसले - जलमुगिऱ्यां पानी पर तहरने वाली विभन्न वनस्पतियों में अंडे देती है।
मिट्टी के घोंसले - कुछ पक्षी लार से मिट्टी चिपकाकर अपना घोंसला बनाते हैं अबाबील (स्विफ्ट) और स्वैलों जैसे पक्षी अपना घोंसला इसी तरह बनाते हैं।
कोयल का घोसला :- जैसा कि आप जानते हैं कोयल बहुत मीठा गाती है। लेकिन इनकी खास बात है कि वह अपना घोंसला नही बनाती है, वह कौए के घोंसले में अंडे दे देती है और कौआ अपने अंडों के साथ कोयल
के अंडों को भी सेता है।
वीवर पक्षी का घोसला :- सभी नर वीवर पक्षी अपने-अपने घोंसले बनाते हैं। मादा वीवर उन सभी घोंसलो को देखती है। उनमें से जो उसे सबसे अच्छा लगता है, उसमें ही वह अंडे देती।
कलचिड़ी ( इंडियन रोबिन) का घोंसला :- सड़क के किनारे पत्थरों के बीच खाली जगह में कलचिड़ी घोंसला बनाती है ये घास से बना होता है उसके ऊपर पौधों की नाज़ुक टहनी, जड़ें, ऊन, बाल, रूई सब बिछा रहता है।
अधिक जानकारी के लिए इसे भी पढ़े
दोस्तों आपको जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट कर जरूर बनाएं आप हमारी वेबसाइट से CTET, UPTET, MPTET आदि शिक्षक पात्रता परीक्षाओं के लिए बाल विकास और शिक्षा शास्त्र (Child Development and Pedagogy), शिक्षा मनोविज्ञान (Psychology), पर्यावरण और शिक्षाशास्त्र ( Environment and Pedagogy), हिंदी और शिक्षाशास्त्र, प्राथमिक शिक्षक गणित शिक्षण शास्त्र आदि के NCERT पर आधारित Free PDF Notes Download कर सकते हैं।
No comments