बाल विकास की विभिन्न अवस्थाओं की विशेषताएं
बाल विकास की विभिन्न अवस्थाएँ
दोस्तों शिक्षक पात्रता परीक्षा में वृद्धि और विकास के संबंध में कई प्रश्न पूछे जाते हैं जिनके बारे में हम आपको पिछले लेख में बता चुके हैं जहां से आप वृद्धि और विकास में अंतर तथा उनकी परिभाषाएं जान सकते हैं इसके साथ ही आप विकास के सिद्धांत और वृद्धि और विकास को प्रभावित करने वाले कारक के बारे में विस्तार से अध्ययन कर सकते हैं।
यहां हम आपको कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां बता रहे हैं जो विकास की विभिन्न अवस्थाओं के बारे में हैं, इनसे संबंधित प्रश्न अक्सर TET, UPTET, CTET, MPTET और REET आदि शिक्षक पात्रता परीक्षाओं में पूछ लिए जाते हैं।
विकास की विभिन्न अवस्थाओं के बारे में जानकारियाँ जो एग्जाम की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं -
गर्भावस्था या प्रसव पूर्व अवस्था की विशेषताएं
यह गर्भधान से जन्म पूर्व तक की अवस्था है जिसकी अवधि 40 सप्ताह या 9 महीने 10 दिन तक होती है। इसकी उप अवस्थाएं निम्न प्रकार हैं-
(i) डिम्बावस्था - गर्भाधान से 2 सप्ताह तक
(ii) पिंडावस्था - तीसरे सप्ताह से आठवें सप्ताह तक
(iii) भ्रूणावस्था - 8 वे सप्ताह से जन्म तक
शैशवावस्था - जन्म से 5 वर्ष तक की अवस्था
प्रमुख परिभाषाएं -
फ्राइड के अनुसार :-
मनुष्य को जो कुछ भी बनना होता है वह चार-पांच वर्षों में बन जाता है।
वाटसन के अनुसार :-
मुझे नवजात शिशु दे दो, मैं उसे डॉक्टर, वकील चोर या जो चाहूं बना सकता हूँ।
क्रो व क्रो के अनुसार :-
बीसवीं शताब्दी को बालक की शताब्दी कहा जाता है।
शैशवावस्था की विशेषताएं :-
- मूल प्रवृत्तियों पर आधारित व्यवहार
- सामाजिक भावना का विकास
- दूसरे बालकों में रुचि या अरुचि
- संवेगों का प्रदर्शन
- अनुकरण द्वारा सीखने की प्रवृत्ति
- काम प्रवृत्ति की भावना
- शारीरिक विकास में तीव्रता
- मानसिक क्रियाओं में तीव्रता
- सीखने में तीव्रता
- दोहराने की प्रवृत्ति
- जिज्ञासा प्रवृत्ति
- दूसरों पर निर्भरता
- आत्म प्रेम की भावना
- नैतिकता का अभाव
बाल्यावस्था :- 6 से 12 वर्ष तक
परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण कथन -
रॉस के अनुसार -
रॉस ने बाल्यावस्था को को मिथ्या परिपक्वता का काल बताते हुए कहा है - शारीरिक और मानसिक स्थिरता बाल्यावस्था की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है।
कॉल व ब्रूस के अनुसार -
बाल्यवस्था 'जीवन का अनोखा' काल है माता पिता के लिए बाल विकास की इस अवस्था को समझना कठिन है।
बाल्यावस्था को निम्नलिखित संज्ञाएँ दी गई हैं -
- जीवन का अनोखा काल - कॉल व ब्रूस
- मिथ्या परिपक्वता की अवस्था - रॉस
- प्रारंभिक विद्यालय की आयु
- चुस्ती की आयु
- गंदी अवस्था
- स्फूर्ति अवस्था
- समूह की आयु
- बालक का निर्माणकारी काल
बाल्यावस्था की विशेषताएं :-
- संग्रह करने की प्रवृत्ति
- निरुद्देश्य भ्रमण की प्रवृत्ति
- काम प्रवृत्ति की न्यूनता
- सामूहिक प्रवृत्ति की प्रबलता
- सामूहिक खेलों में रुचि
- रुचियों में परिवर्तन
- शारीरिक तथा मानसिक विकास में स्थिरता
- सामाजिक तथा नैतिक गुणों का विकास
- जिज्ञासा की प्रबलता
- बहिर्मुखी व्यक्तित्व का विकास
- संवेगो का दमन व प्रदर्शन
- वास्तविक जगत में प्रवेश की अवस्था
किशोरावस्था :- 13 से 18 वर्ष
किशोरावस्था के संबंध में महत्वपूर्ण कथन
क्रो एवं क्रो के अनुसार
किशोर ही वर्तमान की शक्ति और भावी आशा को प्रस्तुत करता है.
वेलेन्टाइन के अनुसार
किशोरावस्था अपराध प्रवृति के विकास का नाजुक समय है.
स्टैनले हॉल ने किशोरावस्था को निम्नलिखित संज्ञाएँ दी हैं -
(i) संघर्ष की अवस्था
(ii) तनाव की अवस्था
(iii) तूफान की अवस्था
(iv) विरोध किया वस्था
किशोरावस्था की मुख्य विशेषताएं
- ईश्वर तथा धर्म में विश्वास
- स्वाभिमान की भावना
- अपराध प्रवृति का विकास
- समाज सेवा की भावना
- व्यवसाय की चिंता
- जीवन दर्शन का निर्माण
- बुद्धि का अधिकतम विकास
- शारीरिक विकास में तीव्रता
- स्थिरता व समायोजन का अभाव
- घनिष्ट व्यक्तिगत मित्रता
- स्वतंत्रता व विद्रोही की भावना
- काम शक्ति की परिपक्वता
- रुचियों में परिवर्तन तथा स्थायित्व
महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर ( One Liner Question Answer Quiz )
- प्रश्न - बाल विकास में अध्यन किया जाता है - गर्भावस्था से किशोरावस्था तक
- प्रश्न- शैशवावस्था को सीखने का आदर्श काल किसने कहा है? - वेलेन्टाइन
- प्रश्न- नवजात शिशु का भार कितना होता है? - 7 से 8 पाउंड
- प्रश्न - प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश की अवस्था कौन सी होती है - बाल्यावस्था
- प्रश्न - बाल्यावस्था में बालक का स्वभाव कैसा होता है - बाह्य केन्द्रित
- प्रश्न - जीवन का सबसे कठिन काल किसे कहा गया है? - किशोरावस्था
- प्रश्न किशोरावस्था में संवेग होते हैं - अधिक उग्र
- प्रश्न - अत्यंत तीव्र और द्रुत विकास का काल - पूर्व किशोरावस्था
- प्रश्न - किशोरावस्था को इंग्लिश में क्या कहते हैं - Adolescence
अधिक जानकारी के लिए नीचे लिए गए लेेेख अवश्य देखें
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