अधिगम के सिद्धांत और प्रतिपादक | Adhigam Ke Siddhant Aur Pratipadak
अधिगम के सिद्धांत और प्रतिपादक
(Adhigam Ke Siddhant Aur Pratipadak)
दोस्तों पिछले लेख में हमने आपको अधिगम के व्यवहारवादी और संज्ञानवादी सिद्धांतों के बारे में सामान्य जानकारी दी थी। अब इस लेख में हम परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण अधिगम सिद्धांतों के बारे में और अधिक जानेंगे। जिसमें हम अधिगम के प्रमुख सिद्धांत तथा उनके प्रतिपादक कौन हैं, ये प्रयोग किन जीवों पर किए गए तथा सिद्धांतों के उपनाम क्या हैं आदि के बारे में जानेंगे।
- प्रयत्न एवं भूल का सिद्धान्त
प्रवर्तक:- एडवर्ड ली थार्नडाइक (अमेरिका)
अन्य नाम:-
- सीखने का सिद्धांत
- सीखने का सम्बंध/बन्ध सिद्धांत
- सम्बन्धवाद का सिद्धांत
- संयोजनवाद का सिद्धांत
- उद्दीपन प्रतिक्रिया निर्माण सिद्धांत
- उद्दीपन अनुक्रिया सिद्धांत
- S-R theory (stimulates responce )
प्रयोग - बिल्ली पर
यह सिद्धान्त अभ्यास द्वारा सीखने पर बल देता है। यह गणित और विज्ञान के लिए उपयोगी सिद्धान्त है। इसमें त्रुटियों का निराकरण पर बल दिया जाता है।
- अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धान्त
प्रवर्तक:- इवान पैट्रोविच पावलव (रूस)
अन्य नाम:-
- प्राचीन अनुबंध का सिद्धान्त
- शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत
- सम्बन्ध प्रत्यावर्तन सिद्धांत
- कंडीशनल रिस्पोंस थ्योरी
- क्लासिकी अनुबंधन सिद्धांत
- सम्बन्ध प्रतिक्रिया का सिद्धांत
- प्रतिस्थापन सिद्धान्त
- C-R theory
प्रयोग - कुत्ते पर प्रयोग
यह सिद्धान्त कहता है कि आदतों का निर्माण कृत्रिम उद्दीपकों से संबंद्ध प्रतिक्रिया द्वारा होता है। इसी सिद्धान्त से सम्बद्ध प्रतिवर्त विधि का जन्म हुआ। यह सिद्धांत मनोवृतियों का निर्माण, भाषा विकास, बुरी आदतों से छुटकारा पाना, अक्षर विन्यास, सुलेख जैसे विषयों में उपयोगी है। छोटे बच्चों को वस्तुएं दिखाकर शब्दों का ज्ञान कराना इसी सिद्धान्त पर आधारित है।
- क्रिया प्रसूत अनुबंध का सिद्धांत
प्रवर्तक:- स्किनर (अमेरिका)
अन्य नाम:-
- सक्रिय अनुबंध का सिद्धान्त
- नैमित्तिक अनुबंध
- अनुक्रिया उद्दीपन सिद्धांत
- साधनात्मक अनुबंधन प्रयोग
- सक्रिय अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धान्त
- नैमित्तिक अनुक्रिया सिद्धांत
- कार्यात्मक अनुबंधन सिद्धांत
- R-S Theory (Responce Stimulates)
प्रयोग - कबूतर तथा चूहों पर
यह सिद्धांत कहता है कि किसी को पुनर्बलन देकर अच्छे कार्य के लिए प्रेरित किया जा सकता है। यहां सही कार्य के लिए सकारात्मक और गलत कार्य के लिए नकारात्मक पुनर्बलन दिए जाने की बात कही गई है। पुनर्बलन का अर्थ होता है प्रेरक। यह पुरस्कार भी हो सकता है ओर दंड भी।
- अंतदृष्टि या सूझ का सिद्धान्त
प्रवर्तक:- वर्दीमर, कोफ्का और कोहलर
अन्य नाम:-
- गेस्टाल्ट सिद्धान्त
- सूझबूझ का सिद्धांत
- गेस्टाल्ट वादियों का सिद्धान्त
- पूर्णांश का सिद्धान्त
- समग्रकार सिद्धांत
प्रयोग - सुल्तान नाम के वनमानुष
यह सिद्धांत समस्या का हल स्वयं को ही खोजने के लिए प्रेरित करता है।
- पुनर्बलन का सिद्धान्त
प्रतिपादक :- सी एल हल - अमेरिकी (Clark L. Hull )
सिद्धांत के उपनाम:-
- न्यूनतम आवश्यकता का सिद्धान्त
- विधिक सिद्धान्त, प्रबलन का सिद्धांत
- अंतरनाद न्यूनता का सिद्धांत
- सबलीकरण का सिद्धांत
- यथार्थ अधिगम का सिद्धांत
- सतत अधिगम का सिद्धांत
- क्रमबद्ध अधिगम का सिद्धांत
- चालक न्यूनता का सिद्धांत
प्रयोग - चूहा पर
यह सिद्धांत आवश्यकता पर बल देता है। इस सिद्धांत के अनुसार सीखना आवश्यकता की पूर्ति की प्रक्रिया के द्वारा होता है। प्रत्येक प्राणी अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करता है। अर्थात कोई भी प्राणी उसी कार्य को सीखता है जिसमें उसकी किसी आवश्यकता की पूर्ति होती है।
- बारंबारता का सिद्धांत
प्रतिपादक- वाटसन
प्रयोग- 1920 में वाटसन ने अपनी पत्नी रैनर के साथ मिलकर अपने 11 माह के पुत्र अल्बर्ट पर प्रयोग किया।
अल्बर्ट के सम्मुख बालों वाला खरगोश दिया गया जिसके बालों पर हाथ रखना उस बालक को अच्छा लगता था।
कुछ समय बाद वाटसन ने उस खिलोने के साथ डरावनी ध्वनि का प्रयोग किया डाल दिया। परिणामस्वरूप अब बालक अल्बर्ट डरकर रोने लगता। कुछ समय बाद देखा गया कि बालक बालों वाली वस्तु देखकर रोने लगता। यह सब अनुबन्धन के कारण होता है।
- अधिगम सोपानिकी सिद्धान्त
प्रवर्तक:- रॉबर्ट गैने
इस सिद्धांत के अनुसार अधिगम की क्षमताओं के आठ प्रतिमान माने गए हैं।
1 संकेत अधिगम
2 उद्दीपक-अनुक्रिया अधिगम
3 गत्यात्मक शृंखलन
4 शाब्दिक साहचर्य अधिगम
5 विभेद अधिगम
6 सम्प्रत्यय अधिगम
7 अधिनियम अधिगम
8 समस्या समाधान
यह सिद्धांत बताता है कि अधिगम प्रभाव संचय होता है और अधिगम सदैव सरलतम से जटिलतम की और अग्रसर होता है। यहां सरलतम से अर्थ संकेत अधिगम और जटिलतम से अर्थ है समस्या समाधान अधिगम।
- सामाजिक अधिगम सिद्धांत
प्रवर्तक:-अल्बर्ट बंडुरा
अन्य नाम:- प्रेक्षणात्मक अधिगम
यह सिद्धांत कहता है कि व्यक्ति सामाजिक व्यवहारों का प्रेक्षण करता है और फिर वैसा ही व्यवहार वह स्वयं करता है। जैसे हम टीवी आदि में किसी व्यक्ति को कोई क्रिया करता देख यथावत व्यवहार का प्रयास करते हैं।
- स्थानापन्न / प्रतिस्थापन या समीपता का सिद्धांत
प्रवर्तक:- एडविन गुथरी
यह सिद्धांत बताता है कि अधिगम को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए शिक्षक को उत्तेजना और अनुक्रिया के बीच अधिकतम साहचर्य स्थापित करना चाहिए।
- अनुकरण द्वारा अधिगम
प्रवर्तक:- हेगरटी
यह सिद्धांत कहता है कि अधिगम की प्रक्रिया अनुकरण द्वारा भी पूर्ण की जा सकती है। बच्चा जैसा देखता है वैसा ही करने का प्रयास करता है।
- शाब्दिक अधिगम का सिद्धान्त
प्रवर्तक:- आसुबेल
अन्य नाम:-प्राप्त अधिगम का सिद्धांत
यह सिद्धांत बताता है की विषय वस्तु को विद्यालयी परिस्थितियों में प्रस्तुत करना चाहिए जो कॉलेज स्तर के लिए अनुकूल भी हो।
- अव्यक्त अधिगम
प्रवर्तक:- एडवर्ड टोलमैन
अन्य नाम:- चिह्न आकार अधिगम, चिह्न पूर्णाकारवाद संभावना
सिद्धांत, प्रतीक अधिगम, अप्रकट अधिगम
प्रयोग - चूहा पर
यह सिद्धांत बताता है कि सीखना एक संज्ञानात्मक मानचित्र बनाना है। अध्यापक को चाहिए कि उसे उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए इनाम व दंड को भी प्रयोग में लाना चाहिए। उद्देश्य प्राप्त करने का अर्थ है शिक्षा के उद्देश्यों को प्राप्त करना है।
- अधिगम का प्राकृतिक दशा सिद्धान्त
प्रवर्तक:- कुर्टलेविन
अन्य नाम:- क्षेत्र सिद्धान्त, तलरूप सिद्धान्त
यह सिद्धांत कहता है कि शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को ऐसा उपयुक्त मनोवैज्ञानिक वातावरण उपलब्ध कराना चाहिए जो उनकी योग्यता और शक्ति के अनुसार हो साथ ही प्राप्त उद्देश्यों को प्रभावी तरीके से निर्देशित किया जाना चाहिए।
- अन्वेषण का सिद्धान्त
प्रवर्तक:- जेरोम ब्रूनर
यह सिद्धांत बताता है कि शिक्षक को विषय वस्तु को क्रमबद्ध और प्रभावी तरीके से बच्चों के सामने विशेष वस्तु को प्रस्तुत करना चाहिए। तथा शिक्षक द्वारा बच्चों में अधिगम के प्रति रुझान पैदा करना चाहिए।
UPTET, UTET, REET, HTET, RTET, PTET, MPTET, CHTET, BTET, JTET, SAMVIDA SHIKSHAK आदि परीक्षाओं की तैयारी के लिए हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध बाल विकास और शिक्षाशास्त्र या शिक्षा मनोविज्ञान की महत्वपूर्ण लेख अवश्य देखें। आप हमारी वेबसाइट से महत्वपूर्ण Free Pdf Notes Download कर सकते हैं.
इन्हें भी पढ़ें -
No comments